Posted by: Guest on 24-07-2018 07:00
Type: New Facilities/Technology
उदाहरण है 51883 बीना-ग्वालियर पैसेंजर पनिहार से ग्वालियर के बीच करीब 25 किमी का सफर पूरा करने के लिए 2 घंटे 48 मिनट टाइम स्लॉट दिया हुआ है जबकि इसे ग्वालियर आने में 30 मि. से ज्यादा नहीं लगने चाहिए| इसलिए बीना पैसेंजर से ग्वालियर आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार घट रही है।
यही हाल 59821 कोटा-भिंड पैसेंजर का है, जिसे पनिहार से ग्वालियर पहुंचने के लिए 2 घंटे का समय दिया गया है। इसलिए कोटा पैसेंजर को पनिहार में ही डेढ़ घंटे खड़ा किया जाता है। जबकि इस दौरान प्लेटफार्म नंबर 4 खाली रहता है।
टाइम रिव्यू हो तो दूर हो सकती है यात्रियों की परेशानी
यदि इन दोनों ट्रेनों सही समय पर ग्वालियर लाया जाये तो यात्रियों का दो घंटे से भी ज्यादा समय बच सकता है और इस ट्रेन का टाइम भी कम किया जा सकता है। इसके लिए रेलवे को दोनों ट्रेनों के समय का रिव्यु करना होगा। लेकिन झांसी मंडल यह कहकर पल्ला झाड़ रहा है कि यह ट्रैक पश्चिम मध्य रेलवे में आता है। जबकि ग्वालियर स्टेशन उत्तर मध्य रेलवे का हिस्सा है।
रतलाम इंटरसिटी: औसत गति 68 किमी प्रति घंटा कर दें तो बच सकते हैं 4 घंटे
रतलाम- ग्वालियर के बीच चलने वाली इंटरसिटी की रफ्तार दो जोन उत्तर मध्य रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे के बीच फंस कर रह गई है। करीब 4 साल पहले ट्रैक की गति बढ़ाकर 100 किमी तक करने का सफल ट्रायल होने के बाद रेलवे रतलाम-ग्वालियर/भिंड इंटरसिटी की गति का रिव्यू कराना ही भूल गया। यही कारण है कि 561 किमी का इंदौर का सफर तय करने में यह ट्रेन औसतन 46 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलकर 12.25 घंटे का समय ले रही है। इस ट्रेन को यदि औसतन 68 किमी प्रति घंटे की गति से चलाया जाए तो यात्रियों के इस सफर में 4 घंटे बच सकते हैं।
इसी प्रकार ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी की स्पीड ग्वालियर-गुना सेक्शन पर बढ़ा दी जाये तो इसका भी टाइम कम किया जा सकता है
पश्चिम और उत्तर मध्य रेलवे के बीच फंसा मामला
ट्रेन और ट्रैक पश्चिम मध्य रेलवे का है, लेकिन ट्रेन ग्वालियर जाती है, जो कि उत्तर मध्य रेलवे का हिस्सा है। इसलिए बीना व कोटा पैसेंजर सहित गुना-इंदौर ट्रैक पर चलने वाली अन्य ट्रेनों के समय को लेकर परिचालन विभाग से बात की जाएगी। उनके जरिए ही ट्रेनों के समय का रिव्यु कराएंगे।
प्रियंका दीक्षित सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर
पनिहार स्टेशन पश्चिम मध्य रेलवे में आता है। लिहाजा बीना पैसेंजर और कोटा पैसेंजर पनिहार में क्यों खड़ी रहती है, यह उन्हीं का मामला है। ट्रेनों के समय का रिव्यू भी उन्हें ही कराना है।
मनोज कुमार सिंह, पीआरआे, झांसी मंडल