भिंड-इटावा रेल लाइन शुरू हुए पांच महीने बीते, फिर भी चला पाए सिर्फ एक ट्रेन

Posted by: Vinod on 09-08-2016 00:12

Type: Other

ग्वालियर। ग्वालियर को कानपुर, लखनऊ और हावड़ा जैसे बड़े रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए पांच महीने पहले भिंड-इटावा रेल लाइन तो शुरू हो गई। लेकिन इस रेल लाइन के शुरू होने का लाभ पूरी तरह से अंचलवासियों को नहीं मिल पा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि रेलवे ने लाइन तो शुरू कर दी, लेकिन इस पर सिर्फ एक ट्रेन चलाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। यह ट्रेन भी सिर्फ इटावा तक जाती है। ऐसी स्थिति में इस लाइन के शुरू होने के बाद भी यात्रियों को कानपुर, लखनऊ पहुंचने के लिए अधिक समय और अधिक पैसा खर्च करना पड़ रहा है। जबकि कुछ प्रमुख ट्रेनों को इस रूट से चलाने और इटावा तब बढ़ाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में अटका हुआ है। अगर ये ट्रेनें इस रूट पर शुरू कर दी जाएं तो यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।

इन ट्रेनों के प्रस्ताव अटकेः
सुशासन एक्सप्रेस- यह ट्रेन ग्वालियर से बलरामपुर के लिए प्रति बुधवार को चलती है। ग्वालियर से हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद होते हुए यह ट्रेन लखनऊ पहुंचती है। इससे कानपुर पहुंचने में करीब 15 घंटे लगते हैं। यह ट्रेन दिल्ली के बाद खाली जाती है। इस ट्रेन से रेलवे को लगातार घाटा हो रहा है। इस ट्रेन को ग्वालियर से भिंड-इटावा होते हुए लखनऊ, गोंडा तक चलाने का प्रस्ताव अटका है। अगर यह भिंड-इटावा होते हुए चलने लगे तो यात्री सिर्फ 6.45 घंटे में लखनऊ पहुंच जाएंगे।

भिंड-इंदौर इंटरसिटीः
यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन भिंड से चलती है और तीन दिन ग्वालियर से। इसे तीन दिन भिंड के आगे इटावा तक बढ़ाए जाने का प्रस्ताव जोनल मुख्यालय से भेजा गया है। इस ट्रेन को आसानी से इटावा तक बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि वहां वाशिंग पिट और कोचों में पानी भरने की भी व्यवस्था है, लेकिन प्रस्ताव बोर्ड में अटका है।

ओखा एक्सप्रेसः
अभी यह ट्रेन ग्वालियर से आगरा जाने के बाद इटावा जाती है। फिर वहां से कानपुर लखनऊ होते हुए गोरखपुर जाती है। इस ट्रेन को सीधे ग्वालियर से होते हुए भिंड-इटावा ले जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। यह ट्रेन अगर सीधे इटावा जाए तो यात्रियों का समय बचेगा।

ग्वालियर-भिंड पैसेंजरः
ग्वालियर से भिंड के बीच प्रतिदिन चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को इटावा तक बढ़ाया जाना है। इस ट्रेन को इटावा तक बढ़ाने में तकनीकि समस्या है। क्योंकि जिस समय यह ट्रेन इटावा पहुंच रही है, उस समय वॉशिंग पिट खाली नहीं है।

एक ही जोन फिर भी नहीं बढ़ पा रही ट्रेनें:
ग्वालियर से लेकर भिंड, इटावा, कानपुर, लखनऊ उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत ही आते हैं। इसके बाद भी ट्रेनों को इटावा तक बढ़ाए जाने पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। अगर एक जोन से दूसरे जोन में ट्रेन जाती है तो क्लियरेंस मिलने में परेशानी आती है, लेकिन यहां तो एक ही जोन है। फिर भी ट्रेनें नहीं बढ़ पा रही हैं। जोनल अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। अब अंतिम निर्णय बोर्ड ही करेगा।

आगरा-झांसी रेल लाइन पर कम होगा ट्रैफिकः
वर्तमान में आगरा-झांसी रेल लाइन पर 129 प्रतिशत ट्रैफिक है। अगर भिंड-इटावा रेल लाइन पर ट्रेनें शुरू हो जाती हैं तो इस लाइन पर दबाव कम होगा।

भिंड-इटावा रेल लाइन पर ट्रेनों के बढ़ाए जाने को लेकर रेलवे को प्रस्ताव भेजने के साथ-साथ मैंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु, रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक, मेंबर कोचिंग के साथ बैठक की। इसमें प्रस्ताव पर जल्द से जल्द विचार करने का आश्वासन दिया गया है। - डॉ. भागीरथ प्रसाद, सांसद, भिंड

जोनल मुख्यालय से प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। अब अंतिम निर्णय रेलवे बोर्ड को ही करना है। यहां से हम कुछ नहीं कर सकते। विजय कुमार, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे